Tuesday, September 20, 2022

कितना मुश्किल होता है !!

सबकी सुनना, पर चुप रहना, कितना मुश्किल होता है,
उससे बिछड़ना पर खुश रहना, कितना मुश्किल होता है !
ज़िन्दा रहने की खातिर हर रोज़ यहाँ मरना पड़ता, 
मरने तक फिर ज़िन्दा रहना, कितना मुश्किल होता है !!
सपनों के मर जाने का अफसोस नहीं होता लेकिन,
फिर भी सपने बुनते रहना, कितना मुश्किल होता है!!
महलों में रहने वाले क्या जाने तपिश दुपहरी की,
हमसे पूछो धूप में जलना कितना मुश्किल होता है!!
जीवन के इस मोड़ पे आकर मुझको ये अहसास हुआ
बीते वक्त का वापस आना, कितना मुश्किल होता है।
इतने दुःख जीवन में पाकर मुझको ये मालूम हुआ
अपनी ही तकदीर से लड़ना, कितना मुश्किल होता है
गीली आँखें, दिल पर पत्थर, चेहरे पर मुस्कान लिए,
तेरी यादों के संग जीना, कितना मुश्किल होता है
अपने गम को सह लेता है हर कोई इस दुनिया में
पर दूजे के गम को सहना कितना मुश्किल होता है।

No comments:

मैं कितनी भी कोशिश कर लूँ पर पापा जैसा बन नहीं पाया !

  मेरे पापा कोई सुपरमैन नहीं हैं पर फिर भी, मैं कितनी भी कोशिश कर लूँ पर पापा जैसा कभी बन नहीं पाया ! स्कूटर खरीदने के बाद भी चालीस की उम्र ...