कल Mother's Day पर हर कोई अपनी अपनी माँ के साथ तस्वीर पोस्ट कर रहा था ! और मैं इन सब तस्वीरों को देख कर सोच रहा था कि काश मैं भी यह कर सकता !! पर अब माँ सिर्फ तस्वीरों में हैं और मैंने कभी उनके साथ ऐसी कोई तस्वीर ली ही नहीं । क्योंकि मैं उनसे कभी अलग ही नहीं हुआ !!
वक़्त कितना निष्ठुर है !! आज फिर से बच्चा बनकर माँ की गोद में लेटने की इच्छा होती है पर क्या करूँ !!
वक़्त को पीछे खींच सकूँ मैं वो जंजीर कहाँ से लाऊँ ?
मेरा हर दिन फिर रोशन हो वो तक़दीर कहाँ से लाऊँ ?
उसकी ममता की छाया में मैं निश्चिंत, निडर विश्वासी,
माँ की गोद में सिर रख सोऊँ, वो तस्वीर कहाँ से लाऊँ !!
अम्बेश तिवारी
14/05/2018