Wednesday, March 12, 2025

होली पर व्यंग्य कविता

 होली पर व्यंग्य कविता 

अबकी होली पर दिल्ली ने बदला ऐसा रंग,

छोड़ आप का साथ हो गयी मोदी जी के संग,

मोदी जी के संग करो मत महंगाई की बात,

अपने मन की छोड़, सुनो बस उनके मन की बात, 

मन की बात बेचारे राहुल जी क्या बोलें,

न बहुमत न बहू मिली बस रहे अकेले!

रहे अकेले घूम पहन टी-शर्ट बिचारे,

उनकी नैया हाय लगाए कौन किनारे!

कहत कवि अम्बेश सुनो बाबा का कहना,

जपो राम का नाम अगर यू पी में रहना!

होली पर व्यंग्य कविता

 होली पर व्यंग्य कविता  अबकी होली पर दिल्ली ने बदला ऐसा रंग, छोड़ आप का साथ हो गयी मोदी जी के संग, मोदी जी के संग करो मत महंगाई की बात, अपने ...