हाल-ए-ग़म बतलाना हो तब, मैं पीछे रह जाता हूँ,
नाराजी दिखलाना हो तब, मैं पीछे रह रह जाता हूँ!
कितने अरमाँ मन में छुपाए, फिर उनके नजदीक पहुँच,
दिल का हाल बताना हो जब, मैं पीछे रह जाता हूँ।
होली पर व्यंग्य कविता अबकी होली पर दिल्ली ने बदला ऐसा रंग, छोड़ आप का साथ हो गयी मोदी जी के संग, मोदी जी के संग करो मत महंगाई की बात, अपने ...
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