मित्रों आज अपनी लिखी हुई एक छोटी सी कहानी आप लोगों के साथ बांटना चाहूँगा इस कहानी के तीन पात्र हैं- एक मध्यमवर्गीय पति, उसकी पत्नी भावना और उन दोनों की बेटी निमिषा |
“सुनो! मैं
अपनी निमिषा को Co-Education में नहीं पढ़ाऊंगी!” रात
में सोते वक़्त भावना ने आदेश सुनाया |
“पर क्यों?” मैंने
पूछा |
“मैंने कह
दिया नहीं तो नहीं बस ! आप वो ****** Girls School में
एडमिशन करवाने का कोई जुगाड़ लगाओ या फिर ****** Girls Convent भी अच्छा है उनमे एडमिशन भी आसानी से हो जायेगा” भावना ने इस बार थोडा तेज़ आवाज़ में जोरदार ढंग
से अपनी बात कही|
“पर वो
जहाँ पढ़ रही है वो भी अच्छा स्कूल है और ****** Girls School या ****** Girls Convent ये दोनों काफी दूर
हैं हमारे घर से और आने जाने में लगभग दो घंटे बर्बाद होंगे, उसके इसके अलावा
खर्चा बढेगा वो अलग, वो जहाँ पढ़ रही है उसे वहीँ पढने दो” मैंने
कहा |
“मैं कुछ नहीं जानती मुझे उसे Co-Education में नहीं पढ़ाना तो नहीं पढाना बस” भावना ने फिर वही रट दोहराई |
“आखिर
बात क्या है कुछ बताओगी?”
मैंने पूछा
भावना ने कोई जवाब नहीं दिया !
“ये
आज तुम्हे Co-Education
में नहीं पढ़ाने वाला भूत कहाँ से सवार हो गया है, तुम्हारी
प्रॉब्लम क्या है आखिर?” मैंने
खुलकर जानना चाहा |
“Co-Education में पढने वाली लड़कियां बिगड़ जाती हैं !” भावना ने दो टूक जवाब दिया |
“पर
तुम तो Co-Education
में नहीं पढ़ी हो तुम कैसे बिगड़ गयी”
मैंने बात को मज़ाक में टालने के लिए कहा |
“देखो
मुझे सीरियस मैटर्स पर मज़ाक बिलकुल पसंद नहीं, मैं यहाँ तुमसे एक सीरियस टॉपिक
डिस्कस करना चाहती हूँ और तुम्हे अपना सेन्स ऑफ़ ह्यूमर दिखाने से फुर्सत नहीं”
इस बार भावना थोडा गुस्से में थी |
“चलो
मज़ाक नहीं करते हैं पर तुम्ही बताओ क्या Co-Education में पढ़ने वाले सारे बच्चे बिगड़ जाते
हैं? मुझे लगता है जरूर तुम्हारे मन में कोई और बात है जो तुम मुझसे छिपा रही हो” मैंने उसे शांत करते हुए कहा |
“तुम्हे
कभी अपने ऑफिस, टीवी, फेसबुक और ब्लॉग लिखने से फुर्सत मिल जाये तो आँख खोल कर देख
लेना कि समाज में क्या-क्या हो रहा है और क्या क्या गुल खिला रही हैं आजकल की
लड़कियां” भावना ने मुझे ताना देते हुए कहा |
“यार!
तुम मुझे सीधे सीधे यह बताओगी कि हुआ क्या है या ऐसे ही पहेलियों में बात करती
रहोगी?” मैंने सीधे मुद्दे पर आते हुए पूछा |
“तुम्हे
पता है वो कोने वाले शुक्ला जी की लड़की जो B.Tech करके नॉएडा में नौकरी कर रही थी, उसने
क्या किया?”
भावना ने पूछा |
“अब
मुझे कैसे पता होगा? तुम्ही बताओ” मैंने
प्रतिप्रश्न किया |
“उसने
अपने साथ पढने वाले एक साउथ इंडियन लड़के के साथ कोर्ट मैरिज कर ली और अब एक महीने
बाद शुक्ला जी को पता लगा|”
भावना ने बताया |
“तो
इस घटना का अपनी निमिषा के Co-Education में पढने से क्या सम्बन्ध है?”
मैंने कहा |
“देखो
ज्यादा अनजान मत बनो! मुझे लगता है कि Co-Education में पढने वाली लड़कियां कुछ ज्यादा ही
बोल्ड हो जाती हैं तभी उनमे इस तरह के कदम उठाने की हिम्मत आ जाती है” भावना ने अपने मन का डर खुलकर बताया |
“देखो
तुम घबराओ मत, अपनी निमिषा इस तरह का कोई काम नहीं करेगी”
मैंने उसे समझाते हुए कहा|
“तुम
यह कैसे कह सकते हो?”
उसने आशंका जताई |
“क्योंकि
उसे ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी, वो जिससे भी चाहेगी, मैं उसकी शादी करने के
लिए तैयार हो जाऊंगा”
मैंने हँसते हुए जवाब दिया |
“वाह!
बहुत अच्छी शिक्षा और संस्कार दे रहे हो तुम अपनी बेटी को, मतलब तुम अभी से उसे यह
सिखा रहे हो कि वो हमारी मर्ज़ी से नहीं बल्कि अपनी मर्ज़ी से शादी करने के लिए आज़ाद
है” उसने लगभग गुस्से में आते हुए कहा|
“हाँ
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं मना नहीं करूंगा”
मैंने कहा |
“मतलब
तुम्हे समाज का कोई डर नहीं है”
उसने पूछा |
“नहीं”
मैंने जवाब दिया |
और फिर हम दोनों के बीच यह बहस काफी देर तक चलती रही जब तक मैंने
आत्मसमर्पण करके इस मसले को कुछ समय के लिया टाल नहीं दिया |
हाँ कहानी के अंत में एक बात मैं आप सबको जरूर बताना चाहूँगा
कि मेरी बेटी निमिषा अभी सिर्फ 6 साल की है और क्लास फर्स्ट में पढ़ती है |
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