ओहदा छोटा, बड़ी कमाई, खूब मजे में !
नगर निगम में लग गया भाई, खूब मजे में !
उसका अफसर उससे खुब खुश रहता है,
चोर चोर मौसेरे भाई, खूब मजे में !
जनता तो बस छाछ पिये, वो भी खट्टा
नेता पी गए दूध मलाई, खूब मजे में !
साहब से ज्यादा तो उसकी चलती है,
है उनकी जोरू का भाई, खूब मजे में !
जबसे चमचागीरी करना सीख लिया,
निकल पड़ी अपनी भी भाई, खूब मजे में !
नेता हो तो पासवान सा दूरंदेशी,
हरदम जिसने कुर्सी पाई खूब मजे में !
टिकट मिले बन जाओ विधायक फिर क्या कहना,
रहो सपाई या बसपाई खूब मज़े में !
नाम के आगे लिख लो यादव फिर यूपी में,
मिले नौकरी, मिले लुगाई, खूब मजे में !
आने वाला है चुनाव होगा गठबंधन,
भूल के सारी हाथापाई खूब मजे में !
ओहदा छोटा बड़ी कमाई खूब मजे में,
नगर निगम में लग गया भाई खूब मजे में !
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अम्बेश तिवारी
रचनाकाल - 25.04.2016
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